शराबियों में भी इंदौर रहेगा नंबर वन,शराबखोरी के अवैध ठिए प्रमुख वजह,इधर चौराहों पर मुंह सूंघ रही पुलिस
शराबियों मे भी इंदौर रहेगा नंबर वन,इधर पुलिसिया अनुकंपा के चलते अवैध ठिए गुलजार,पुलिस चैकिंग कर, रही सिर्फ रस्म अदायगी।
अमित कुमार त्रिवेदी पत्रकार इंदौर।
शहर ने थाना पुलिस की अनुकंपा से शराबियों की पो बारह हैं। क्योंकि खुद ही पुलिस अपना मुख्य कामकाज यानी चैकिंग की बजाय धरपकड़ को भूल चुकी है। जो चैकिंग में हो रहा है वह किसी से छुपा नहीं है। दरअसल वह इसलिए कि जब्त शुदा वाहन से थाना परिसर से चोर वाहनों के पहिए तक चुराकर ले जा रहे है। इस दौरान अगर न्यायालय हस्तक्षेप नहीं करें तो आम आदमी का क्या ही होय यह भगवान ही जनता है। लेकिन शहर और बाहरी इलाकों में संचालित शराबखोरी के अवैध अड्डों पर पुलिसिया कमज़ोरी समझ से परे है। यहां रोजाना ऐसे अड्डों पर पुलिसिया कमज़ोरी की वजह से शराबियों की तादाद लगातार बढ़ना जारी है। क्या महिला क्या पुरुष,अब ऐसे अड्डों पर (वो अब चलन में हैं कि, शराब की बोतल पर नॉट फॉर वुमन नहीं लिखा है बल्कि शराब अब सबके लिए महिला हो या पुरुष) नहीं लिखा होने कि मानसिकता की वजह से अब इंदौर शराबियों के आकंड़ों में और अपनी जनसंख्या के मुताबिक अन्य शहरों की तुलना में कहीं ज्यादा अल्कोहल कंज्यूम करने वाला शहर बन गया हैं और जल्द ही यह विधिवत घोषित भी हो जायेगा। क्योंकि शहर के ऐसे अवैध ठिए, जिसका विशुद्ध रूप से वैध लोग लाभ ले रहे है। यानी वाइट कॉलर सरकार को अहाते बंद होने की स्थिति में राजस्व का चुना लगा रहे है। इधर इसके अलावा अन्य और भी विभाग है जिसकी जेब अवैध शराबखोरी के अड्डों की वजह से जोरदार गर्म हो रही हैं।
यह थाना क्षेत्र जहां हालात बहुत खराब
शहरी थाना क्षेत्रों की अपेक्षा अब बाहरी थाना क्षेत्रों में अवैध शराबखोरी के अड्डे पूरी तरह अपनी पकड़ बना चुके हैं जहां न पुलिस का टेंशन न आबकारी की चिंता। जिनमें कनाड़िया थाना प्रमुख है। यहां के थाना क्षेत्र स्थित फूल मून ढाबा,ट्रिपल एस ढाबा,ग्रिलीसियस, सहित दर्जनों ऐसे अड्डे है जिनकी जानकारी सिर्फ शराबखोरी करने वालों को और संबंधित जिम्मेदार विभागों को जरूर है। लेकिन कनाड़िया थाना पुलिस द्वारा ऐसे अवैध ठिकानों पर दबिश न देना और सिर्फ चैकिंग के नाम पर लोगों के मुंह सूंघते रहना कहा तक सही है।
शहर में पाउडर,चरस,गांजे की भी जमकर मांग
फिलहाल शहर में MD ड्रग,ब्राउन शुगर,कोकीन,गांजा,चरस की भी काफी ज्यादा मांग बढ़ती जा रही हैं हालांकि स्थानीय थाना पुलिस की निष्क्रियता की वजह से अब नारकोटिक्स,और क्राइम ब्रांच जरूर नशे की खेप लगातार पकड़ रही हैं। लेकिन फिर भी पावडर,गांजा और चरस प्रतिबंधित होने के बावजूद बेखौफ बिक रही है। जिसे लेकर बताया जा रहा है कि शहर में अब अंडर वर्ड से लेकर मुंबई कनेक्शन और इंदौर के आसपास के जिले इस नशाखोरी को आपूर्ति करने में प्रमुख वजह है।