नियमों की कब्र पर बना हैट्स ऑफ बार एंड रेस्टोरेंट
संयुक्तिकरण,आवासीय पर व्यवसायिक उपयोग, नगर निगम के जिम्मेदार बने बैठे है धृष्ट्रराज
जो नहीं माने उसका टूटे,जो मान जाएं वो नियमों को ताक पर रख तना रहे।
इंदौर।
शहर के बॉम्बे हॉस्पिटल स्थित हैट्स ऑफ बार एंड रेस्टोरेंट को नियमों की कब्र पर खड़ा कहना गलत नहीं होगा। इधर सारे इंदौर नगर निगम के जिम्मेदार सिर्फ अंधे राजा बने हुए हैं। उन्हें इतनी ज्यादा नियमों की जग हंसाई, किसी भी एंगल से दिख नहीं रही है। नगर निगम के जिम्मेदार इस बात से भी नहीं डर रहे है कि ऊपर वाले को आखिर वह अंत समय में क्या मुंह दिखाएंगे। क्योंकि बॉम्बे हॉस्पिटल स्थित हैट्स ऑफ बार एंड रेस्टोरेंट ने कलेक्टर,नगर निगम टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग, आबकारी विभाग और खासतौर से इंदौर विकास प्राधिकरण के जिम्मेदारों को मुंह चिढ़ा दिया है। लेकिन कोई भी जिम्मेदार है कि उसे हैट्स ऑफ बार एंड रेस्टोरेंट के मुंह चिढ़ाने से कोई फर्क ही नहीं पड़ता हैं। अब जिम्मेदारों को ऐसे हालात में भी कुछ फर्क नहीं पड़ना यह सिर्फ उनकी नाकामी,किसी का दबाव प्रभाव या फिर नियमों को तोड़ने के एवज में वजन आड़े आ रहा है। नहीं तो इस तरह से नियमों का मखौल उड़ाने वाले हैट्स ऑफ बार एंड रेस्टोरेंट को कभी का ही ध्वस्त किया जा सकता था। वह इसलिए क्योंकि हैट्स ऑफ बार एंड रेस्टोरेंट ने तमाम तरह के नियमों को उलट पलट कर दिया है। फिर वह नगर निगम ,इंदौर विकास प्राधिकरण के जिम्मेदारों के दावे हो या उनकी सख्ती का प्रतीक। हैट्स ऑफ बार एंड रेस्टोरेंट संचालक ने सभी नियमों को धराशाई करते हुए उसकी कब्र पर अपने उस बार एंड रेस्टोरेंट की बुनियाद खड़ी कर दी है और वह बेखौफ उसे संचालित भी कर रहा है।
यह की संचालक ने जादूगरी
दरअसल बॉम्बे हॉस्पिटल स्थित हैट्स ऑफ बार एंड रेस्टोरेंट जहां संचालित हो रहा है। वह भूखंड इंदौर विकास प्राधिकरण की स्कीम नंबर 94 का हिस्सा है। जिसे इंदौर विकास प्राधिकरण ने आवासीय उपयोग हेतु आवंटित किए थे। लेकिन यहां हो रहा व्यावसायिक उपयोग हैं।
दो प्लाट कर दिया एक
इधर हैट्स ऑफ बार एंड रेस्टोरेंट जिन प्लाटो पर खड़ा है उनके नंबर कुछ इस प्रकार है प्लाट नंबर BA 51 और 52 स्कीम नंबर 94 इंदौर। लेकिन संचालक ने उक्त दोनों ही प्लाटों को एक कर दिया है। और संयुक्तिकरण करते हुए यहां अवैध रूप से बार एंड रेस्टोरेंट का संचालन जारी है। क्योंकि उक्त दोनों ही प्लाट आवासीय उपयोग के है।
आवासीय प्लाटों पर मदिरा पिलाने का लायसेंस
इधर आबकारी विभाग और इंदौर कलेक्टर से जुड़े अन्य विभाग भी इस पूरे मामले में शंका के घेरे में है क्योंकि आवासीय उपयोग हेतु आवंटित भूखंड पर आबकारी विभाग ने बार लायसेंस कैसे और किसके कहने पर दे दिया यह बहुत बड़ा सवाल और एक बड़े बंदरबाट की और इशारा करता है।